जीडीए की 155वीं बोर्ड बैठक में शहरवासियों के लिए सौगात के साथ मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में भूखंड आवंटियों के लिए राहत लेकर आई। अब शहरवासी जीडीए की संपत्तियों को सात से 10 साल की आसान किस्तों में खरीद सकेंगे। बोर्ड की मुहर लगने के बाद वर्तमान में 1697 भवनों की चल रही नई आवासीय योजना में आवेदन करने वालों को भी इसका लाभ मिलेगा। वहीं, मधुबन बापूधाम आवासीय योजना जीडीए ने किसानों को बांटे गए बढ़े मुआवजे का भार अन्य आवंटियों पर डाला था। बोर्ड बैठक में रखे गए इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए मधुबन बापूधाम के भूखंड आवंटियों ने जीडीए गेट पर प्रदर्शन किया।
बैठक में जीडीए बोर्ड सदस्यों के विरोध के बाद मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम ने पुराने आवंटियों पर डाले गए भार को कम करने के लिए फिर से समीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त ने पुराने आवंटियों का भार कम करने और भविष्य में नए भूखंड खरीदने वालों पर अधिक भार लगाने संबंधी निर्णय का परीक्षण कराने को कहा। ऐसे में समीक्षा के बाद इस प्रस्ताव को आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 281 एकड़ की जमीन का किसानों को बढ़ा मुआवजा देने का आदेश दिया था। किसानों को बढ़ा मुआवजा देने के लिए जीडीए 800 करोड़ से अधिक का लोन लेने के साथ जिला प्रशासन को 1850 करोड़ का भुगतान कर चुका है। ऐसे में पीएनबी बैंक से लोन लेने के कारण जीडीए पर पड़े भार को जीडीए ने योजना में भूखंड आवंटियों पर डालने का निर्णय लिया। फिर जीडीए की चार सदस्यीय कमेटी ने 2011 में 11800 प्रति वर्ग मीटर की दर पर आवंटित किए गए भूखंड स्वामियों पर 7550 रुपये प्रति वर्ग मीटर अतिरिक्त भार
आसान किस्तों में मिलेगा घर, मधुबन-बापूधाम में पुराने आवंटियों को मिलेगी राहत